मील का पत्थर
एक पल नज़दीक आओ तो सही
रंजोग़म अपने सुनाओ तो सही
वो सुनेगा हर शिकायत को मगर
दर पे उसके रोज़ जाओ तो सही
प्यार दिल में है तुम्हारे भी अगर
इक इशारे से जताओ तो सही
मुश्किलें आसान होती जाएँगी
सिर्फ़ पलभर मुस्कुराओ तो सही
मील का पत्थर वहाँ है सामने
कुछ क़दम आगे बढ़ाओ तो सही
ज़िन्दगी है इक सफ़र की दास्ताँ
दास्ताँ अपनी सुनाओ तो सही
भूलकर 'आनन्द' जीना ठीक है
क्या हुआ पीछे भुलाओ तो सही
डॉ आनन्द किशोर
दिल्ली
Author Pawan saxena
22-Jan-2021 02:06 PM
👍
Reply
Nisha
22-Jan-2021 01:30 PM
👍👍
Reply